एक कट्टर इंसान ना मिला

हिन्दुस्तान भी मिला, पकिस्तान भी मिला
कट्टर हिन्दू भी मिला, कट्टर मुसलमान भी मिला
ग़म मन में बस एक यही है दोस्तों,
इस जहाँ में एक कट्टर इंसान ना मिला
खून दंगे, लाठी गोली हर जगह मिले,
पर कही मन की शान्ति का पैगाम ना मिला
अहम् का नशा, फिर बहम का नशा
पर सत्य में डुबो दे ऐसा जाम ना मिला
राम और रहीम तो कई जगह मिले
पर सबको साधता एक भगवान् ना मिला
खुदा भी रो रहा है बट बट के देख लो
उसे इंसान से जहां में, सही मान ना मिला
मजहब के नाम तो पल भर में रख दिए
क्यों इंसान के धर्म का कोई नाम ना मिला
ग़म बस मन में एक यही है दोस्तों
इस जहाँ में एक कट्टर इंसान ना मिला
इस जहाँ में एक कट्टर इंसान ना मिला